विशेषण के कितने भेद होते हैं? जानिए विस्तार से

हिंदी व्याकरण में विशेषण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह संज्ञा या सर्वनाम की विशेषताओं, गुणों, परिमाणों, और संख्याओं को स्पष्ट करता है। भाषा को प्रभावी और संप्रेषणीय बनाने में विशेषण का योगदान अमूल्य है। विशेषण के कितने भेद होते हैं? इस सवाल का जवाब इस लेख में विस्तार से मिलेगा। हम इस लेख के माध्यम से विशेषण के प्रकारों को समझेंगे और उनके प्रयोग को बेहतर ढंग से जानेंगे।

आपने अक्सर सुना होगा कि विशेषण संज्ञा की विशेषता बताते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि विशेषण के कई भेद होते हैं जो अलग-अलग संदर्भों में प्रयोग होते हैं? इस लेख का उद्देश्य इन्हीं भेदों को सरल और सुलभ भाषा में समझाना है ताकि आप इसे आसानी से समझ सकें और अपने लेखन में विशेषण का सही प्रयोग कर सकें।

विशेषण क्या होता है? (What is Visheshan?)

विशेषण वह शब्द होता है जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता, गुण, संख्या या मात्रा को स्पष्ट करता है। यह वाक्य में जानकारी को अधिक सटीक और विस्तारपूर्ण बनाता है। उदाहरण के तौर पर, “लाल सेब”, “तीखा खाना”, और “तीन बच्चे” जैसे वाक्यों में “लाल”, “तीखा”, और “तीन” शब्द विशेषण हैं, जो संज्ञा (सेब, खाना, बच्चे) की विशेषताएं बता रहे हैं।

विशेषण की परिभाषा

विशेषण को परिभाषित किया जा सकता है इस प्रकार:
विशेषण वह शब्द है जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता, गुण, संख्या या मात्रा का बोध कराता है।

भाषा में विशेषण की भूमिका

भाषा में विशेषण का प्रयोग वाक्य को अधिक प्रभावी और बोधगम्य बनाता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई कहे “लड़का है”, तो इस वाक्य में अधिक जानकारी नहीं है। लेकिन अगर इसे “लंबा लड़का है” कहा जाए, तो वाक्य में लंबाई की जानकारी भी जुड़ जाती है, जिससे वाक्य अधिक स्पष्ट और विस्तृत हो जाता है।

विशेषण क्या है?
विशेषण वह शब्द है जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता, गुण, संख्या या मात्रा को व्यक्त करता है। उदाहरण: “लाल फूल”, “तीन किताबें”।

विशेषण के कितने भेद होते हैं? (How Many Types of Visheshan are There?)

विशेषण के कई प्रकार होते हैं, और प्रत्येक प्रकार का अपना विशेष महत्व और भूमिका होती है। सामान्यत: विशेषण को पाँच मुख्य भेदों में विभाजित किया जाता है:

  1. गुणवाचक विशेषण (Descriptive Adjectives)
  2. परिमाणवाचक विशेषण (Quantitative Adjectives)
  3. संख्यावाचक विशेषण (Numerical Adjectives)
  4. संकेतवाचक विशेषण (Demonstrative Adjectives)
  5. संबंधवाचक विशेषण (Possessive Adjectives)

इन भेदों को विस्तार से जानने से पहले, यह समझना ज़रूरी है कि विशेषण वाक्य को अधिक सार्थक और बोधगम्य बनाने के लिए कैसे काम करते हैं। प्रत्येक भेद का एक विशिष्ट उपयोग होता है और इनका सही प्रयोग भाषा को अधिक प्रभावी बनाता है।


1. गुणवाचक विशेषण (Descriptive Adjectives)

गुणवाचक विशेषण वह होते हैं जो किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान के गुण या विशेषता को बताते हैं। ये विशेषण किसी संज्ञा के गुण, रंग, आकार, या रूप को व्यक्त करते हैं।

उदाहरण:

  • राम एक तेज़ धावक है। (तेज़ = गुणवाचक विशेषण)
  • यह एक नीला आसमान है। (नीला = गुणवाचक विशेषण)
  • सीता बहुत स्मार्ट लड़की है। (स्मार्ट = गुणवाचक विशेषण)
  • गंगा पवित्र नदी है। (पवित्र = गुणवाचक विशेषण)
  • यह बड़ा शहर है। (बड़ा = गुणवाचक विशेषण)

    2. परिमाणवाचक विशेषण (Quantitative Adjectives)

    परिमाणवाचक विशेषण वह होते हैं जो किसी वस्तु या व्यक्ति की मात्रा या परिमाण को दर्शाते हैं। ये विशेषण मात्रा के बारे में जानकारी देते हैं, लेकिन संख्या के बारे में नहीं।

    उदाहरण:

    • मेरे पास काफी भोजन है। (काफी = परिमाणवाचक विशेषण)
    • उसे कुछ समय चाहिए। (कुछ = परिमाणवाचक विशेषण)
    • मैंने थोड़ा दूध पिया। (थोड़ा = परिमाणवाचक विशेषण)
    • हमारे पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। (पर्याप्त = परिमाणवाचक विशेषण)
    • वह थोड़ा परेशान है। (थोड़ा = परिमाणवाचक विशेषण)

    3. संख्यावाचक विशेषण (Numerical Adjectives)

    संख्यावाचक विशेषण वे होते हैं जो किसी व्यक्ति, वस्तु, या स्थान की संख्या को स्पष्ट करते हैं।
    उदाहरण:

    • दूसरा लड़का ज़्यादा मेहनती है। (दूसरा = संख्यावाचक विशेषण)
    • मुझे तीन सेब चाहिए। (तीन = संख्यावाचक विशेषण)
    • वह पहला स्थान प्राप्त कर चुका है। (पहला = संख्यावाचक विशेषण)
    • उन्होंने दो पुरस्कार जीते। (दो = संख्यावाचक विशेषण)
    • राम ने चार किताबें पढ़ी हैं। (चार = संख्यावाचक विशेषण)

    4. संकेतवाचक विशेषण (Demonstrative Adjectives)

    संकेतवाचक विशेषण वे होते हैं जो किसी व्यक्ति या वस्तु की ओर संकेत करते हैं।

    उदाहरण:

    • यह किताब मेरी है। (यह = संकेतवाचक विशेषण)
    • वह लड़की बहुत होशियार है। (वह = संकेतवाचक विशेषण)
    • ये फूल बहुत सुंदर हैं। (ये = संकेतवाचक विशेषण)
    • वो पेड़ बहुत ऊंचा है। (वो = संकेतवाचक विशेषण)
    • इस घर में कई कमरे हैं। (इस = संकेतवाचक विशेषण)

    5. संबंधवाचक विशेषण (Possessive Adjectives)

    संबंधवाचक विशेषण वे होते हैं जो किसी संज्ञा के साथ संबंध या अधिकार को व्यक्त करते हैं।

    उदाहरण:

    • मेरा दोस्त बहुत अच्छा है। (मेरा = संबंधवाचक विशेषण)
    • तुम्हारा घर कहां है? (तुम्हारा = संबंधवाचक विशेषण)
    • उसका मोबाइल खो गया। (उसका = संबंधवाचक विशेषण)
    • हमारा स्कूल बहुत बड़ा है। (हमारा = संबंधवाचक विशेषण)
    • उनका कुत्ता बहुत प्यारा है। (उनका = संबंधवाचक विशेषण)

    विशेषण के भेद और उदाहरण:

    विशेषण के पाँच मुख्य भेद होते हैं: गुणवाचक, परिमाणवाचक, संख्यावाचक, संकेतवाचक, और संबंधवाचक। उदाहरण के लिए, गुणवाचक विशेषण में “सुंदर”, परिमाणवाचक में “कुछ”, संख्यावाचक में “तीन”, संकेतवाचक में “यह”, और संबंधवाचक में “मेरा” शामिल हैं।

    यह भी पढ़ें व्यक्तिवाचक संज्ञा: परिभाषा, उदाहरण, और विशेषताएँ

    प्रत्येक प्रकार के विशेषण की विशेषताएं (Characteristics of Each Type of Visheshan)

    अब हम विशेषण के हर भेद की विशेषताओं पर गहराई से चर्चा करेंगे। विशेषण के हर भेद का अपना एक अलग उद्देश्य और उपयोग होता है, जो संज्ञा या सर्वनाम के अर्थ को और अधिक स्पष्ट और विस्तृत बनाता है। आइए, एक-एक करके विशेषण के प्रकारों की विशेषताओं को विस्तार से समझते हैं।


    1. गुणवाचक विशेषण (Descriptive Adjectives)

    विशेषताएं:

    • गुणवाचक विशेषण किसी संज्ञा या सर्वनाम के गुण, आकार, रंग, या विशेषता का वर्णन करते हैं।
    • ये विशेषण व्यक्ति, वस्तु, या स्थान के बारे में जानकारी देकर वाक्य को और अधिक सजीव और समझने योग्य बनाते हैं।
    • गुणवाचक विशेषण वाक्य में विशेषता बताने वाले शब्दों का प्रयोग करते हैं, जैसे सुंदर, तेज़, बड़ा, छोटा आदि।

    उदाहरण:

    • सुंदर लड़की
    • नीला आसमान
    • तेज़ धावक
    • विशाल महल
    • मीठा फल

    मुख्य विशेषता: गुणवाचक विशेषण वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम की गुणवत्ता, गुण या विशेषता का वर्णन करते हैं।


    2. परिमाणवाचक विशेषण (Quantitative Adjectives)

    विशेषताएं:

    • परिमाणवाचक विशेषण वस्तु या व्यक्ति की मात्रा या परिमाण को दर्शाते हैं, लेकिन इनका संबंध संख्या से नहीं होता।
    • ये विशेषण मात्रा में वृद्धि या कमी का बोध कराते हैं और अक्सर अप्रत्यक्ष रूप से बताते हैं कि संज्ञा कितनी मात्रा में है।
    • इसका प्रयोग तब होता है जब हमें यह बताना हो कि कोई वस्तु कितनी मात्रा में है, जैसे कुछ, अधिक, पर्याप्त, थोड़ा आदि।

    उदाहरण:

    • थोड़ा समय
    • पर्याप्त पानी
    • कुछ धन
    • अधिक प्रयास
    • काफी दूरी

    मुख्य विशेषता: परिमाणवाचक विशेषण संज्ञा की मात्रा या परिमाण का संकेत देते हैं, लेकिन यह संख्या से संबंधित नहीं होते।


    3. संख्यावाचक विशेषण (Numerical Adjectives)

    विशेषताएं:

    • संख्यावाचक विशेषण किसी संज्ञा या सर्वनाम की संख्या को बताते हैं।
    • ये विशेषण किसी वस्तु या व्यक्ति की गिनती या क्रम को स्पष्ट करते हैं।
    • इन्हें तब प्रयोग किया जाता है जब हमें यह बताना हो कि कितनी संख्या में चीज़ें या लोग हैं, जैसे एक, दो, तीन, पहला, दूसरा आदि।

    उदाहरण:

    • दो किताबें
    • तीन सेब
    • पहला स्थान
    • चौथा दिन
    • सात व्यक्ति

    मुख्य विशेषता: संख्यावाचक विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की गिनती या क्रम को दर्शाते हैं।


    4. संकेतवाचक विशेषण (Demonstrative Adjectives)

    विशेषताएं:

    • संकेतवाचक विशेषण किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु, या स्थान की ओर संकेत करते हैं।
    • ये विशेषण वस्तुओं को इशारा करके उनके बारे में विशेष जानकारी देते हैं।
    • इनका प्रयोग तब किया जाता है जब हमें यह बताना हो कि कोई वस्तु या व्यक्ति निकट या दूर स्थित है, जैसे यह, वह, ये, वो आदि।

    उदाहरण:

    • यह घर
    • वह लड़का
    • ये फूल
    • वो पेड़
    • इस किताब

    मुख्य विशेषता: संकेतवाचक विशेषण किसी व्यक्ति, वस्तु, या स्थान की ओर इशारा करते हैं और उनकी पहचान स्पष्ट करते हैं।


    5. संबंधवाचक विशेषण (Possessive Adjectives)

    विशेषताएं:

    • संबंधवाचक विशेषण संज्ञा के साथ संबंध या अधिकार को व्यक्त करते हैं।
    • ये विशेषण किसी वस्तु या व्यक्ति के साथ व्यक्तिगत संबंध को स्पष्ट करते हैं, जैसे मेरा, तुम्हारा, उसका आदि।
    • इनका प्रयोग तब किया जाता है जब हमें यह बताना हो कि कोई वस्तु किसके अधिकार में है या किससे संबंधित है।

    उदाहरण:

    • मेरा घर
    • तुम्हारा बगीचा
    • उसका बैग
    • हमारा परिवार
    • उनका शहर

    मुख्य विशेषता: संबंधवाचक विशेषण संज्ञा या सर्वनाम के साथ संबंध या अधिकार का बोध कराते हैं।

    विशेषण की मुख्य विशेषताएं

    विशेषण पाँच मुख्य प्रकार के होते हैं: गुणवाचक विशेषण वस्तु के गुण को बताते हैं, परिमाणवाचक विशेषण मात्रा को दर्शाते हैं, संख्यावाचक विशेषण संख्या या क्रम बताते हैं, संकेतवाचक विशेषण वस्तुओं की ओर इशारा करते हैं, और संबंधवाचक विशेषण संबंध या अधिकार को स्पष्ट करते हैं।

    विशेषण के प्रयोग से वाक्यों में सुधार (Improving Sentences with Visheshan)

    विशेषण किसी भी वाक्य को अधिक स्पष्ट, सूचनापूर्ण और आकर्षक बनाने में मदद करते हैं। बिना विशेषण के वाक्य सामान्य और साधारण लगते हैं, लेकिन विशेषण के प्रयोग से उनमें नई जान आ जाती है। यह अनुभाग दिखाएगा कि कैसे विशेषण का सही उपयोग वाक्य की गुणवत्ता को सुधारता है।

    बिना विशेषण के वाक्य बनाम विशेषण के साथ वाक्य

    उदाहरण 1:

    • बिना विशेषण के वाक्य:
      राम ने किताब पढ़ी।
      (यह एक सामान्य वाक्य है, जिसमें केवल जानकारी दी गई है कि राम ने किताब पढ़ी।)
    • विशेषण के साथ वाक्य:
      राम ने दिलचस्प किताब पढ़ी।
      (यहां “दिलचस्प” विशेषण जोड़ने से हमें पता चलता है कि किताब कैसी थी।)

    उदाहरण 2:

    • बिना विशेषण के वाक्य:
      मौसम ठंडा है।
      (यह जानकारी है, लेकिन इसमें गहराई नहीं है।)
    • विशेषण के साथ वाक्य:
      मौसम बहुत ठंडा है।
      (यहां “बहुत” जोड़ने से ठंड के स्तर की जानकारी मिलती है, जिससे वाक्य और प्रभावी हो जाता है।)

    उदाहरण 3:

    • बिना विशेषण के वाक्य:
      वह आदमी काम कर रहा है।
    • विशेषण के साथ वाक्य:
      वह मेहनती आदमी काम कर रहा है।
      (यहां “मेहनती” जोड़ने से आदमी की कार्यशैली के बारे में अधिक जानकारी मिलती है।)

    सरल से जटिल वाक्य बनाने में विशेषण की भूमिका

    विशेषण का उपयोग केवल वाक्य को सजीव बनाने के लिए नहीं, बल्कि सरल वाक्यों को जटिल और जानकारीपूर्ण बनाने के लिए भी किया जाता है। विशेषण के साथ, हम अधिक विवरण और विविधता जोड़ सकते हैं।

    उदाहरण:

    • सरल वाक्य:
      बच्चा खेल रहा है।
    • जटिल वाक्य (विशेषण के साथ):
      छोटा बच्चा तेज़ दौड़ते हुए पार्क में खेल रहा है।
      (इस वाक्य में “छोटा” और “तेज़” जैसे विशेषण जोड़ने से हमें बच्चे और उसके खेल के तरीके के बारे में अधिक जानकारी मिलती है।)

    उदाहरण:

    • सरल वाक्य:
      किताबें मेज़ पर रखी हैं।
    • जटिल वाक्य (विशेषण के साथ):
      पुरानी किताबें बड़ी मेज़ पर करीने से रखी हैं।
      (यहां “पुरानी” और “बड़ी” जैसे विशेषण जोड़ने से किताबों और मेज़ के बारे में अधिक जानकारी दी जा रही है, जिससे वाक्य और विस्तारपूर्ण हो जाता है।)

    विशेषण के प्रयोग से वाक्यों में विविधता

    वाक्यों में विशेषण का प्रयोग करके एक ही विचार को अलग-अलग तरीकों से व्यक्त किया जा सकता है। यह लेखन को और रोचक और आकर्षक बनाता है।

    उदाहरण:

    • सरल वाक्य:
      वह घर सुंदर है।
    • विविधता के साथ:
      • वह घर बहुत सुंदर है।
      • वह घर पुराना और आकर्षक है।
      • वह घर नीला और विशाल है। (इन वाक्यों में विशेषणों का अलग-अलग प्रयोग करने से हर बार घर के बारे में अलग जानकारी प्राप्त होती है।)

    विशेषण के प्रयोग से वाक्यों में सुधार:
    विशेषण का प्रयोग वाक्य को अधिक जानकारीपूर्ण और प्रभावशाली बनाता है। जैसे “राम ने किताब पढ़ी” साधारण वाक्य है, लेकिन “राम ने दिलचस्प किताब पढ़ी” वाक्य को अधिक रोचक बनाता है।

    विशेषण के भेदों का अभ्यास (Practice Exercises on Visheshan)

    अब तक, हमने विशेषण के विभिन्न भेदों के बारे में विस्तार से चर्चा की। इसे और अधिक स्पष्ट करने और पाठकों की समझ को मजबूत करने के लिए, विशेषण के भेदों पर कुछ अभ्यास प्रस्तुत किए जा रहे हैं। इन अभ्यासों से पाठक विशेषणों की पहचान कर सकेंगे और उनका सही उपयोग सीख पाएंगे।

    1. विशेषण की पहचान करें (Identify the Adjective)

    नीचे दिए गए वाक्यों में से विशेषण की पहचान करें और बताएं कि यह किस प्रकार का विशेषण है:

    1. राम ने तीन सेब खाए।
      • विशेषण: तीन (संख्यावाचक विशेषण)
    2. वह एक सुंदर लड़की है।
      • विशेषण: सुंदर (गुणवाचक विशेषण)
    3. मेरे पास थोड़ा पैसा है।
      • विशेषण: थोड़ा (परिमाणवाचक विशेषण)
    4. यह किताब मेरी है।
      • विशेषण: यह (संकेतवाचक विशेषण)
    5. उनका कुत्ता बहुत प्यारा है।
      • विशेषण: उनका (संबंधवाचक विशेषण)

    2. सही विशेषण का चयन करें (Choose the Correct Adjective)

    नीचे दिए गए वाक्यों में सही विशेषण भरें:

    1. मेरे पास (काफी / तीन) पैसा है।
      • उत्तर: काफी
    2. राम ने (तीन / छोटा) किताबें खरीदीं।
      • उत्तर: तीन
    3. (यह / पुराना) घर बहुत बड़ा है।
      • उत्तर: यह
    4. यह एक (लंबा / सुंदर) रास्ता है।
      • उत्तर: लंबा
    5. (मेरा / उनका) घर शहर के पास है।
      • उत्तर: मेरा

    3. वाक्य में विशेषण जोड़ें (Add Adjectives to the Sentence)

    नीचे दिए गए वाक्यों में उपयुक्त विशेषण जोड़कर वाक्य को सुधारें:

    1. सुमित ने किताब पढ़ी।
      • उत्तर: सुमित ने दिलचस्प किताब पढ़ी।
    2. वह लड़की दौड़ रही है।
      • उत्तर: वह तेज़ लड़की दौड़ रही है।
    3. मेरे पास सेब हैं।
      • उत्तर: मेरे पास तीन सेब हैं।
    4. श्याम घर गया।
      • उत्तर: श्याम पुराने घर गया।
    5. फूल खिल रहे हैं।
      • उत्तर: लाल फूल खिल रहे हैं।

    4. विशेषणों का सही प्रयोग करें (Use the Adjectives Correctly)

    नीचे दिए गए विशेषणों का सही प्रयोग करते हुए वाक्य बनाएं:
    विशेषण: बड़ा, नया, वह, दो, तुम्हारा

    1. यह एक बड़ा महल है।
    2. मैंने दो किताबें पढ़ी।
    3. वह पेड़ बहुत ऊंचा है।
    4. मेरा नया फोन खो गया।
    5. तुम्हारा बैग यहां है।

    5. विशेषणों को वर्गीकृत करें (Classify the Adjectives)

    नीचे दिए गए विशेषणों को उनके भेद के अनुसार वर्गीकृत करें:
    विशेषण: बड़ा, दो, कुछ, मेरा, यह

    • गुणवाचक विशेषण: बड़ा
    • संख्यावाचक विशेषण: दो
    • परिमाणवाचक विशेषण: कुछ
    • संबंधवाचक विशेषण: मेरा
    • संकेतवाचक विशेषण: यह

    विशेषण का अभ्यास:
    विशेषण की पहचान और सही उपयोग के लिए अभ्यास महत्वपूर्ण है। उदाहरण: “राम ने तीन सेब खाए” में “तीन” एक संख्यावाचक विशेषण है। अभ्यास वाक्य और सही विशेषण का प्रयोग भाषा को अधिक समृद्ध बनाता है।

    निष्कर्ष (Conclusion)

    इस लेख में हमने विस्तार से जाना कि विशेषण क्या होते हैं, उनके कितने भेद होते हैं, और उनका उपयोग कैसे किया जाता है। विशेषण किसी भी भाषा को अधिक प्रभावी और स्पष्ट बनाते हैं, क्योंकि ये किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता, संख्या, मात्रा या स्थिति को दर्शाते हैं। विशेषण का सही और सटीक उपयोग वाक्यों को सरल से जटिल, साधारण से अधिक विस्तृत और जानकारीपूर्ण बना सकता है।

    विशेषण के प्रमुख भेदों का संक्षिप्त सारांश:

    1. गुणवाचक विशेषण: यह किसी संज्ञा या सर्वनाम के गुण, रंग, आकार, या विशेषता का बोध कराता है।
    2. परिमाणवाचक विशेषण: यह किसी संज्ञा की मात्रा या परिमाण को बताता है।
    3. संख्यावाचक विशेषण: यह संज्ञा या सर्वनाम की संख्या या क्रम को दर्शाता है।
    4. संकेतवाचक विशेषण: यह किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान की ओर संकेत करता है।
    5. संबंधवाचक विशेषण: यह किसी संज्ञा या सर्वनाम के साथ संबंध या अधिकार को व्यक्त करता है।

    हिंदी व्याकरण में विशेषण की उपयोगिता

    विशेषण के बिना वाक्य अधूरे लगते हैं। जब हम विशेषणों का सही प्रयोग करते हैं, तो वाक्य अधिक सूचनात्मक और सटीक बनते हैं। उदाहरण के लिए, “पुस्तक” कहना सामान्य है, लेकिन “लाल पुस्तक” कहने से उस पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी मिलती है। यह समझने के बाद कि विशेषण के कितने भेद होते हैं और उनका सही उपयोग कैसे किया जाता है, आप न केवल अपने लेखन को सुधार सकते हैं बल्कि दूसरों को भी भाषा की गहराई में ले जा सकते हैं।

    इस विषय को समझने के लाभ:

    1. भाषा में गहराई: विशेषण का सही ज्ञान भाषा में गहराई और सूक्ष्मता जोड़ता है।
    2. व्याकरण सुधार: व्याकरण में आपकी पकड़ मजबूत होती है।
    3. लेखन में सुधार: लेखन अधिक स्पष्ट, रोचक और सूचनात्मक बनता है।
    4. संचार कौशल में वृद्धि: बेहतर तरीके से संवाद करने में मदद मिलती है।

    विशेषणों का अभ्यास और उनके भेदों की गहरी समझ आपके व्याकरण ज्ञान को बेहतर बनाएगी और आपके लेखन को अधिक प्रभावशाली बनाएगी। उम्मीद है कि यह लेख आपको विशेषणों के भेदों को समझने में मददगार साबित हुआ होगा।

    FAQ: विशेषण के भेद

    विशेषण क्या होता है?

    विशेषण वह शब्द है जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता, गुण, संख्या, या मात्रा को व्यक्त करता है। उदाहरण के लिए, “लंबा लड़का” में “लंबा” विशेषण है, जो लड़के की ऊँचाई की विशेषता बता रहा है।

    विशेषण के कितने भेद होते हैं?

    विशेषण के पाँच प्रमुख भेद होते हैं:

    1. गुणवाचक विशेषण (Descriptive Adjectives)
    2. परिमाणवाचक विशेषण (Quantitative Adjectives)
    3. संख्यावाचक विशेषण (Numerical Adjectives)
    4. संकेतवाचक विशेषण (Demonstrative Adjectives)
    5. संबंधवाचक विशेषण (Possessive Adjectives)

    सार्वनामिक विशेषण के कितने भेद होते हैं?

    सार्वनामिक विशेषण के तीन प्रमुख भेद होते हैं:
    प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण: जो सवाल पूछते हैं, जैसे “कौन”, “किसका”।
    निजवाचक सार्वनामिक विशेषण: जो स्वामित्व या अधिकार को दर्शाते हैं, जैसे “मेरा”, “तुम्हारा”।
    निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण: जो निश्चित व्यक्ति या वस्तु की ओर संकेत करते हैं, जैसे “यह”, “वह”।

    Pooja Singh is a versatile writer at desidose.in, covering a wide range of topics from lifestyle and sports to travel and trending news. With a passion for storytelling and staying ahead of the curve on current affairs, Pooja brings a fresh and engaging perspective to her content, making it a must-read for diverse audiences.

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