वो दिन जब रबाडा ने तक़दीर को हराया – एक फाइनल, जो आँसुओं से लिखा गया!

14 जून, 2025 – Lord’s Ground, London
शायद क्रिकेट की सबसे पवित्र ज़मीन। जहाँ हर गेंद इतिहास बनती है, और हर विकेट एक कहानी कहता है।

पर इस बार… ये सिर्फ एक मैच नहीं था।
ये एक खिलाड़ी का redemption था। एक टीम की सदियों पुरानी चुप्पी का जवाब था।
और एक ऐसा फाइनल… जो इंसानों की जिद, जुनून और जख्म से लिखा गया।

Kagiso Rabada

कगिसो रबाडा – जिसने खुद से लड़ाई लड़ी, फिर वर्ल्ड से जीता

2024 का साल रबाडा के लिए कुछ खास नहीं रहा था।
Form गिर चुकी थी, critics उन्हें “overrated” कहने लगे थे।
कुछ ने यहाँ तक कह दिया, “अब Rabada की आग बुझ चुकी है।”

पर किसी ने नहीं देखा… उस चुप्पी में जो तुफ़ान पल रहा था।

Lord’s की उस घास पर जब रबाडा दौड़ते हुए आए, उनकी आँखों में सिर्फ एक बात थी – “अब कोई बहाना नहीं… अब सिर्फ जवाब देना है।”

Australia के पहले 6 बल्लेबाज़ों को उन्होंने एक-एक करके ऐसा गिराया, जैसे कोई पुरानी कहानी फिर से लिख रहा हो।
उनका spell – 5 विकेट, सिर्फ 44 रन… एक artist की तरह – तेज़, सटीक और जानलेवा।

Australia की पहली पारी – जब चैंपियन भी काँप गए

Smith की खामोशी, Khawaja का खाता भी नहीं खुला, Carey की हड़बड़ाहट…
Rabada की गेंदें सिर्फ विकेट नहीं ले रहीं थीं… वो सवालों के जवाब बन रही थीं।

Commentary box में एक वाक्य गूंजा:
“Rabada is not just back… he’s born again.”

Aiden Makram

South Africa की दूसरी पारी – Markram की पत्थर सी इच्छाशक्ति

Australia की दूसरी पारी के बाद target था – 284
इतिहास गवाह है – फाइनल में इतने रन चौथे innings में नहीं बनते।

पर Aiden Markram को शायद इतिहास पलटना आता है।

136 रनों की वो पारी कोई textbook knock नहीं थी।
वो एक ज़िद थी… कि “हम सिर्फ खेलने नहीं, जीतने आए हैं।”
Temba Bavuma ने साथ दिया – 66 रनों की शांत, लेकिन संजीदा पारी।

और जब Markram आउट हुए, मैदान पर एक सन्नाटा था – जैसे किसी योद्धा को सलाम दे रहा हो।

आख़िरी लम्हे – जब एक देश ने साँस रोक ली

जब आख़िरी पाँच रन बाकी थे, Verreynne और Bedingham crease पर थे।
Australia के गेंदबाज़ थक चुके थे, fans खड़े हो चुके थे।
और commentary box से आवाज़ आई:

“What a poetic end this would be, if South Africa seals this!”

83.4वें ओवर में जैसे ही winning shot निकला –
South African dugout से खिलाड़ी दौड़ पड़े… कोई ज़मीन पर गिर पड़ा, कोई गले मिलकर रो पड़ा।

Rabada की आँखें भीगी थीं। Markram ने बस ऊपर आसमान देखा – शायद किसी सपने को शुक्रिया कहा।

ये सिर्फ जीत नहीं थी… ये इंसाफ था

South Africa के लिए ये वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल कोई ट्रॉफी नहीं थी।
ये जवाब था – उन वक़्तों का, जब वो semi-final में हारे, जब rain rule से बाहर हुए, जब किस्मत ने उन्हें ठगा।

पर इस बार… किस्मत भी हार गई।

क्या आपने कभी ऐसे आँसू देखे हैं, जो जीत के मीठे स्वाद से नमकीन हो गए हों?

South Africa ने Lord’s पर जो लिखा… वो सिर्फ रिकॉर्ड बुक्स में नहीं, दिलों में रहेगा।

क्या आपको भी Rabada की वापसी से inspiration मिली? क्या Aiden Markram की पारी ने आपको भी goosebumps दिए?
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Pooja Singh writes for desidose.in, moving easily between lifestyle, sport, travel and whatever is trending that day. She turns the week’s noise into clear, lively stories you actually want to read.