क्रिया (Verb) हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो किसी कार्य या अवस्था को व्यक्त करता है। किसी भी वाक्य में क्रिया का प्रयोग करते समय यह जानना आवश्यक है कि वह सकर्मक है या अकर्मक। यह आर्टिकल आपको सकर्मक और अकर्मक क्रिया की संपूर्ण जानकारी देगा, जिससे आप इन्हें आसानी से पहचान और समझ सकें।
क्रिया किसे कहते हैं? (What is a Verb?)
क्रिया वह शब्द होता है जो किसी कार्य, घटना या स्थिति को दर्शाता है। हिंदी में, वाक्य में क्रिया का प्रयोग करके ही हम यह बता सकते हैं कि कौन सा काम किसने किया है और वह कार्य किस प्रकार का है। उदाहरण के लिए, “राम ने किताब पढ़ी” में “पढ़ी” क्रिया है, जो “पढ़ने” के कार्य को दर्शाता है।
सकर्मक क्रिया किसे कहते हैं?(Transitive Verb in Hindi)
सकर्मक क्रिया (Transitive Verb) वह क्रिया होती है, जिसमें क्रिया का प्रभाव किसी विशेष वस्तु या व्यक्ति पर पड़ता है। सरल शब्दों में, जब किसी वाक्य में क्रिया के साथ एक वस्तु या व्यक्ति सीधे जुड़ा होता है, और वह क्रिया इस वस्तु या व्यक्ति पर अपना प्रभाव डालती है, तो उस क्रिया को सकर्मक क्रिया कहा जाता है।
Main Elements of a Transitive Verb सकर्मक क्रिया के मुख्य तत्व
1. क्रिया (Verb): क्रिया वह शब्द है जो किसी कार्य, अवस्था या स्थिति को दर्शाता है। उदाहरण के लिए: खा रहा है, खेल रहा है, लिख रहा है आदि।
2. क्रिया फल (Object): क्रिया फल वह वस्तु या व्यक्ति है, जिस पर क्रिया का प्रभाव पड़ता है।
सकर्मक क्रिया को समझने के लिए उदाहरण:
1. राम ने किताब पढ़ी।
- यहां “पढ़ी” एक क्रिया है, और “किताब” क्रिया फल है। राम ने “क्या पढ़ा?” इसका उत्तर है “किताब”। इस वाक्य में क्रिया “पढ़ी” किताब पर अपना प्रभाव डाल रही है, इसलिए यह सकर्मक क्रिया है।
2. उसने खाना खाया।
- इस वाक्य में “खाया” क्रिया है और “खाना” क्रिया फल है। “क्या खाया?” इसका उत्तर है “खाना”। यहां “खाना” क्रिया फल है, जो क्रिया “खाया” के साथ सीधे जुड़ा हुआ है। इसलिए “खाया” भी एक सकर्मक क्रिया है।
सकर्मक क्रिया की पहचान कैसे करें?
- वाक्य में क्रिया फल (Object) की उपस्थिति: यदि वाक्य में क्रिया फल उपस्थित है, और वह किसी वस्तु या व्यक्ति को दर्शा रहा है, तो वह सकर्मक क्रिया होगी।
- क्रिया के प्रश्न का उत्तर: आप क्रिया के संबंध में प्रश्न पूछ सकते हैं जैसे “क्या?”, “किसे?”, “किसके लिए?”। अगर इन प्रश्नों का उत्तर वाक्य में मिलता है, तो वह क्रिया सकर्मक होगी।
और उदाहरणों के साथ समझें:
1. श्याम ने गाड़ी चलाई।
- “गाड़ी” यहाँ क्रिया फल है, और “चलाई” सकर्मक क्रिया। “क्या चलाई?” – “गाड़ी”।
2. सीमा ने चिट्ठी लिखी।
- “चिट्ठी” क्रिया फल है, और “लिखी” सकर्मक क्रिया। “क्या लिखी?” – “चिट्ठी”।
3. मोहन ने पंखा चलाया।
- “पंखा” क्रिया फल है, और “चलाया” सकर्मक क्रिया। “क्या चलाया?” – “पंखा”।
यह समझने के लिए कि क्रिया सकर्मक है या नहीं, आपको वाक्य को ध्यान से पढ़ना और समझना चाहिए। इस प्रकार, सकर्मक क्रिया का सही उपयोग वाक्यों में करने से वाक्य का अर्थ स्पष्ट और प्रभावशाली बनता है।
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अकर्मक क्रिया किसे कहते हैं? (Intransitive Verb in Hindi)
अकर्मक क्रिया (Intransitive Verb) वह क्रिया होती है जिसका क्रिया फल (Object) वाक्य में नहीं होता। यह वह क्रिया है जो अपने आप में पूर्ण होती है और इसे समझने या व्यक्त करने के लिए किसी अन्य वस्तु या व्यक्ति की आवश्यकता नहीं होती। अकर्मक क्रिया का प्रभाव किसी विशेष वस्तु या व्यक्ति पर नहीं पड़ता, बल्कि यह क्रिया अपने आप में ही संपन्न हो जाती है।
Main Elements of an Intransitive Verb अकर्मक क्रिया के मुख्य तत्व
1. क्रिया (Verb): जैसा कि पहले बताया गया है, क्रिया वह शब्द है जो किसी कार्य, अवस्था या स्थिति को दर्शाता है। हालांकि, अकर्मक क्रिया का कोई क्रिया फल नहीं होता जो वाक्य में उससे संबंधित हो।
अकर्मक क्रिया को समझने के लिए उदाहरण:
1. वह सोया।
- यहां “सोया” एक क्रिया है, लेकिन इसका कोई क्रिया फल (Object) नहीं है। यह क्रिया अपने आप में पूर्ण है और इसे समझने के लिए किसी अन्य वस्तु या व्यक्ति की आवश्यकता नहीं है। इसलिए “सोया” अकर्मक क्रिया है।
2. बच्चा हंसा।
- इस वाक्य में “हंसा” क्रिया है। इस क्रिया का कोई क्रिया फल नहीं है और यह क्रिया अपने आप में ही पूरी होती है। इसलिए “हंसा” भी एक अकर्मक क्रिया है।
अकर्मक क्रिया की पहचान कैसे करें?
- क्रिया फल (Object) की अनुपस्थिति: अकर्मक क्रिया में वाक्य का क्रिया फल नहीं होता। वाक्य में केवल क्रिया होती है जो किसी विशेष वस्तु या व्यक्ति पर अपना प्रभाव नहीं डालती।
- क्रिया अपने आप में पूर्ण: अगर क्रिया अपने आप में पूरी हो रही है और उसे समझने के लिए किसी अन्य वस्तु या व्यक्ति की आवश्यकता नहीं है, तो वह अकर्मक क्रिया होती है।
और उदाहरणों के साथ समझें:
1. पक्षी उड़ा।
- “उड़ा” अकर्मक क्रिया है, क्योंकि इसका कोई क्रिया फल नहीं है। यह क्रिया अपने आप में ही पूर्ण है।
2. पानी बहा।
- “बहा” अकर्मक क्रिया है, क्योंकि इस क्रिया के साथ कोई क्रिया फल नहीं जुड़ा हुआ है।
3. पेड़ गिरा।
- “गिरा” भी एक अकर्मक क्रिया है, क्योंकि इसका कोई क्रिया फल नहीं है और यह क्रिया अपने आप में पूरी होती है।
अकर्मक क्रिया का सही उपयोग वाक्य को सरल और स्पष्ट बनाता है, और यह सुनिश्चित करता है कि वाक्य का अर्थ समझने में कोई कठिनाई न हो।
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सकर्मक और अकर्मक क्रिया में अंतर (Difference Between Transitive and Intransitive Verbs In Hindi)
Transitive and Intransitive Verbs के बीच मुख्य अंतर यह है कि सकर्मक क्रिया में क्रिया फल (Object) होता है, जबकि अकर्मक क्रिया में क्रिया फल नहीं होता। यह अंतर समझना भाषा के व्याकरण को सही ढंग से उपयोग करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
सकर्मक क्रिया (Transitive Verb)
- क्रिया फल (Object): सकर्मक क्रिया में क्रिया का प्रभाव किसी विशेष वस्तु या व्यक्ति पर पड़ता है। इस वस्तु या व्यक्ति को क्रिया फल (Object) कहा जाता है।
- उदाहरण:
- खाना खाना: “खाना” क्रिया फल है, और “खाना” सकर्मक क्रिया है।
- पानी पीना: “पानी” क्रिया फल है, और “पीना” सकर्मक क्रिया है।
- पुस्तक पढ़ना: “पुस्तक” क्रिया फल है, और “पढ़ना” सकर्मक क्रिया है।
अकर्मक क्रिया (Intransitive Verb)
- क्रिया फल (Object) की अनुपस्थिति: अकर्मक क्रिया में क्रिया फल नहीं होता। इस प्रकार की क्रिया अपने आप में पूर्ण होती है और इसके लिए किसी वस्तु या व्यक्ति की आवश्यकता नहीं होती।
- उदाहरण:
- सोना: इस क्रिया का कोई क्रिया फल नहीं है, इसलिए “सोना” अकर्मक क्रिया है।
- हंसना: “हंसना” क्रिया भी अपने आप में पूर्ण होती है और इसका कोई क्रिया फल नहीं होता।
- दौड़ना: इस क्रिया का भी कोई क्रिया फल नहीं है, और यह अपने आप में पूरी हो जाती है।
सकर्मक और अकर्मक क्रिया की पहचान कैसे करें?
- सकर्मक क्रिया की पहचान:
- यदि वाक्य में क्रिया किसी वस्तु या व्यक्ति पर अपना प्रभाव डालती है, तो वह सकर्मक क्रिया होती है।
- उदाहरण: “राम ने किताब पढ़ी।” यहां “किताब” क्रिया फल है और “पढ़ी” सकर्मक क्रिया।
- अकर्मक क्रिया की पहचान:
- यदि वाक्य में क्रिया का कोई क्रिया फल नहीं है और यह अपने आप में पूर्ण हो रही है, तो वह अकर्मक क्रिया होती है।
- उदाहरण: “वह सोया।” यहां “सोया” क्रिया है और इसका कोई क्रिया फल नहीं है, इसलिए यह अकर्मक क्रिया है।
Transitive and Intransitive Verbs के बीच का अंतर भाषा के व्याकरण के नियमों को समझने और सही ढंग से उपयोग करने में मदद करता है। सकर्मक क्रिया वह है जो किसी वस्तु या व्यक्ति पर अपना प्रभाव डालती है, जबकि अकर्मक क्रिया वह है जो अपने आप में पूर्ण होती है और जिसका कोई क्रिया फल नहीं होता। इन दोनों प्रकार की क्रियाओं को सही ढंग से पहचानने और उपयोग करने से वाक्य की संरचना स्पष्ट और सटीक होती है।
सकर्मक और अकर्मक क्रिया का उदाहरण (Examples of Transitive and Intransitive Verbs in Hindi)
Transitive and Intransitive Verbs की पहचान और उपयोग समझने के लिए, नीचे कुछ विस्तृत उदाहरण दिए गए हैं। इन उदाहरणों के माध्यम से आप यह देख सकते हैं कि किस प्रकार की क्रिया के साथ क्रिया फल (Object) होता है और किसके साथ नहीं होता।
सकर्मक क्रिया के उदाहरण (Examples of Transitive Verbs)
- उसने दरवाजा खोला।
- क्रिया: खोला
- क्रिया फल: दरवाजा
- विवरण: “खोला” एक सकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका प्रभाव “दरवाजा” पर पड़ता है।
- सीता ने चाय बनाई।
- क्रिया: बनाई
- क्रिया फल: चाय
- विवरण: “बनाई” एक सकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका प्रभाव “चाय” पर पड़ता है।
- मैंने पत्र लिखा।
- क्रिया: लिखा
- क्रिया फल: पत्र
- विवरण: “लिखा” एक सकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका प्रभाव “पत्र” पर पड़ता है।
- राम ने खाना खाया।
- क्रिया: खाया
- क्रिया फल: खाना
- विवरण: “खाया” एक सकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका प्रभाव “खाना” पर पड़ता है।
- उसने गाना गाया।
- क्रिया: गाया
- क्रिया फल: गाना
- विवरण: “गाया” एक सकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका प्रभाव “गाना” पर पड़ता है।
- मैंने घर साफ किया।
- क्रिया: साफ किया
- क्रिया फल: घर
- विवरण: “साफ किया” एक सकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका प्रभाव “घर” पर पड़ता है।
- तुमने फिल्म देखी।
- क्रिया: देखी
- क्रिया फल: फिल्म
- विवरण: “देखी” एक सकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका प्रभाव “फिल्म” पर पड़ता है।
- वह मिठाई खरीद रहा है।
- क्रिया: खरीद रहा है
- क्रिया फल: मिठाई
- विवरण: “खरीद रहा है” एक सकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका प्रभाव “मिठाई” पर पड़ता है।
- लक्ष्मण ने पुष्प चढ़ाए।
- क्रिया: चढ़ाए
- क्रिया फल: पुष्प
- विवरण: “चढ़ाए” एक सकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका प्रभाव “पुष्प” पर पड़ता है।
- मैंने जड़ी-बूटी पिसी।
- क्रिया: पिसी
- क्रिया फल: जड़ी-बूटी
- विवरण: “पिसी” एक सकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका प्रभाव “जड़ी-बूटी” पर पड़ता है।
अकर्मक क्रिया के उदाहरण (Examples of Intransitive Verbs)
- पक्षी उड़ा।
- क्रिया: उड़ा
- क्रिया फल: कोई नहीं
- विवरण: “उड़ा” एक अकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका कोई क्रिया फल नहीं है।
- बच्चा सोया।
- क्रिया: सोया
- क्रिया फल: कोई नहीं
- विवरण: “सोया” एक अकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका कोई क्रिया फल नहीं है।
- वह हंस रहा है।
- क्रिया: हंस रहा है
- क्रिया फल: कोई नहीं
- विवरण: “हंस रहा है” एक अकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका कोई क्रिया फल नहीं है।
- तूफान आया।
- क्रिया: आया
- क्रिया फल: कोई नहीं
- विवरण: “आया” एक अकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका कोई क्रिया फल नहीं है।
- चिड़ियाँ चहचहाईं।
- क्रिया: चहचहाईं
- क्रिया फल: कोई नहीं
- विवरण: “चहचहाईं” एक अकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका कोई क्रिया फल नहीं है।
- सूरज उगा।
- क्रिया: उगा
- क्रिया फल: कोई नहीं
- विवरण: “उगा” एक अकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका कोई क्रिया फल नहीं है।
- वह दौड़ता है।
- क्रिया: दौड़ता है
- क्रिया फल: कोई नहीं
- विवरण: “दौड़ता है” एक अकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका कोई क्रिया फल नहीं है।
- वह चुपचाप बैठा।
- क्रिया: बैठा
- क्रिया फल: कोई नहीं
- विवरण: “बैठा” एक अकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका कोई क्रिया फल नहीं है।
- नदी बह रही है।
- क्रिया: बह रही है
- क्रिया फल: कोई नहीं
- विवरण: “बह रही है” एक अकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका कोई क्रिया फल नहीं है।
- लोग खुश हैं।
- क्रिया: खुश हैं
- क्रिया फल: कोई नहीं
- विवरण: “खुश हैं” एक अकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका कोई क्रिया फल नहीं है।
ये उदाहरण आपको सकर्मक और अकर्मक क्रियाओं के बीच का अंतर समझने में मदद करेंगे। सकर्मक क्रियाएँ किसी वस्तु या व्यक्ति पर प्रभाव डालती हैं, जबकि अकर्मक क्रियाएँ अपने आप में पूर्ण होती हैं और कोई विशेष वस्तु या व्यक्ति की आवश्यकता नहीं होती।
FAQ- अक्सर पूछा गया सवाल
सकर्मक क्रिया में क्रिया का फल (Object) वाक्य में जुड़ा होता है। उदाहरण:
सकर्मक क्रिया: उसने किताब पढ़ी। (“किताब” क्रिया फल है।)
अकर्मक क्रिया: बच्चा सोया। (इसमें कोई क्रिया फल नहीं है।)
यदि वाक्य में क्रिया किसी वस्तु या व्यक्ति पर असर डाल रही है और उसके लिए एक क्रिया फल (Object) आवश्यक है, तो वह सकर्मक क्रिया है। यदि क्रिया फल की आवश्यकता नहीं है और क्रिया अपने आप में पूर्ण है, तो वह अकर्मक क्रिया है।
अकर्मक क्रिया को पहचानने का तरीका यह है कि वाक्य में कोई क्रिया फल (Object) न हो और क्रिया अपने आप में पूरी हो जाए। जैसे: वह हंसा। (यह वाक्य अपने आप में पूर्ण है, इसमें किसी वस्तु या व्यक्ति पर असर नहीं पड़ता।)
इस वाक्य में “खरीदे” एक सकर्मक क्रिया है, क्योंकि यह क्रिया फल “खिलौने” के साथ जुड़ा हुआ है।